बगावत
एक बार औरतोँ ने मर्द के खिलाफ बगावत करके मोर्चा निकाला और ब्रह्मा के पास गयी .
उन्होने ने समाज मे बराबरी के लिये बहुत सारी माग रखी . जिसमे एक माग ए भी थी कि बच्चे को 9 महीने पेट मे हम लोग रखते है .तमाम तकलीफ सहकर पैदा करती हैँ और नाम बाप का होता है । एसा नही चलेगा .
लडाई लम्बी चली समाधान की कोशिश होती रही . तब जा के कुछ मुद्दोँ पर समझौता हुआ । जिसमे तय हुआ कि बच्चा औरत ही पैदा करेगी लेकिन दर्द उसके आदमी को होगा ।
अब क्या था इँतजार होने लगा .इसी बीच पता चला कि गिरिधारीपाण्डेय की बीबी को बच्चा पैदा होने वाला है । निशचित तारीख को जनता का हुजूम उभड पडा । डा. का पूरा पैनल पाण्डेय जी को घेर कर बैठ गया . उनके दर्द उठने का सब बेसब्री से इंतजार करने लगे.
इसी बीच खबर आई कि गाँव मे खेलावन लोहार अपने द्वार पर लोट 2 कर चिल्ला रहे हैँ जिनका आन जाना अक्सर पाण्डेय जी के यहाँ था .
पूरी जनता और डा. खेलावन लोहार के यहाँ दौड कर पँहुच गयी । डाक्टरोँ ने बहुत प्रयास के बाद स्थिति को नियन्त्रन मे किया ।और बच्चा पैदा हुआ ।
दूसरे दिन सारी औरतेँ दुबारा ब्रह्मा के पास गयी . अपनी गलती मानी और बोली कि जैसा पहले चल रहा था चलने दीजिए . .
उन्होने ने समाज मे बराबरी के लिये बहुत सारी माग रखी . जिसमे एक माग ए भी थी कि बच्चे को 9 महीने पेट मे हम लोग रखते है .तमाम तकलीफ सहकर पैदा करती हैँ और नाम बाप का होता है । एसा नही चलेगा .
लडाई लम्बी चली समाधान की कोशिश होती रही . तब जा के कुछ मुद्दोँ पर समझौता हुआ । जिसमे तय हुआ कि बच्चा औरत ही पैदा करेगी लेकिन दर्द उसके आदमी को होगा ।
अब क्या था इँतजार होने लगा .इसी बीच पता चला कि गिरिधारीपाण्डेय की बीबी को बच्चा पैदा होने वाला है । निशचित तारीख को जनता का हुजूम उभड पडा । डा. का पूरा पैनल पाण्डेय जी को घेर कर बैठ गया . उनके दर्द उठने का सब बेसब्री से इंतजार करने लगे.
इसी बीच खबर आई कि गाँव मे खेलावन लोहार अपने द्वार पर लोट 2 कर चिल्ला रहे हैँ जिनका आन जाना अक्सर पाण्डेय जी के यहाँ था .
पूरी जनता और डा. खेलावन लोहार के यहाँ दौड कर पँहुच गयी । डाक्टरोँ ने बहुत प्रयास के बाद स्थिति को नियन्त्रन मे किया ।और बच्चा पैदा हुआ ।
दूसरे दिन सारी औरतेँ दुबारा ब्रह्मा के पास गयी . अपनी गलती मानी और बोली कि जैसा पहले चल रहा था चलने दीजिए . .
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