Halwa
संता सुबह-सुबह डीटीसी की बस से ऑफिस जा रहा था
.उसके बगल वाली सीट पर एक महिला अपने बच्चे के साथ बैठी हुई थी
.महिला के हाथ में टिफिन था जिसमे हलवा रखा हुआ था
.वह बच्चे को हलवा खिलाने की कोशिश कर रही थी परबच्चा खाना नहीं चाहता था, नखरे कर रहा था.
महिला बार-बार बच्चे से कह रही थी :बेटा, जल्दी से हलवा खा लो नहीं तो मैं इसे बगल में बैठे अंकल को दे दूँगी.
बच्चे को शायद भूख नहीं थी इसलिएवह टिफिन की तरफ देख भी नहीं रहा था
.महिला बार-बार वही बात दोहरा रहीथी :जल्दी से खा लो वरना हलवा अंकल को दे दूंगी..
जब काफी देर हो गई तो संता बोला-बहनजी, आपको जो फैसला करना है, जल्दीकीजिए ..आपके हलवे के चक्कर में मैं 4 स्टॉप आगे आ गया हूँ !!
.उसके बगल वाली सीट पर एक महिला अपने बच्चे के साथ बैठी हुई थी
.महिला के हाथ में टिफिन था जिसमे हलवा रखा हुआ था
.वह बच्चे को हलवा खिलाने की कोशिश कर रही थी परबच्चा खाना नहीं चाहता था, नखरे कर रहा था.
महिला बार-बार बच्चे से कह रही थी :बेटा, जल्दी से हलवा खा लो नहीं तो मैं इसे बगल में बैठे अंकल को दे दूँगी.
बच्चे को शायद भूख नहीं थी इसलिएवह टिफिन की तरफ देख भी नहीं रहा था
.महिला बार-बार वही बात दोहरा रहीथी :जल्दी से खा लो वरना हलवा अंकल को दे दूंगी..
जब काफी देर हो गई तो संता बोला-बहनजी, आपको जो फैसला करना है, जल्दीकीजिए ..आपके हलवे के चक्कर में मैं 4 स्टॉप आगे आ गया हूँ !!
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