कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई
नही देता....
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कभी चिंतित रेहता हूं, कोई परवाह
नही करता....
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कभी मायूस होता हूं, कोई पूछने तक
नही आता....
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पर जब कभी समोसे की दुकान पर
अकेला खाने बैठ जाता हूँ, कोई ना कोई
चला
ही आता है....
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कियाँ भाई ऐकलो ऐकलो...??
250 ग्राम नीम के पत्ते लें | इन्हें साफ करके एक बर्तन में रख दें। 1/2 लीटर साफ पानी एक बर्तन में लें और नीम के पत्ते उसमें डाल कर अच्छी तरह गर्म करें ।
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